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कर चोरी के मामले में अडानी ग्रुप के खिलाफ चल रही जांच को मोदी सरकार ने रोक दिया है. राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अतिरिक्त महानिदेशक के वी एस सिंह ने ये आदेश जारी किया है.
सिंह ने अपने आदेश में लिखा, “मैं विभाग के उस मामले से सहमत नहीं हूं जिसमें कहा गया है कि एपीएमएल (अडानी पावर महाराष्ट्र लिमिटेड) और एपीआरएल (अडानी पावर राजस्थान लिमिटेड) ने अपनी संबंधित इकाई यानी ईआईएफ (इलेक्ट्रॉजन इन्फ्रा होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड) को कथित विवादित सामान आयातित मूल्य से अधिक अधिक मूल्य पर दिया है.”
adani dri notice
सिंह ने अपने आदेश में लिखा, “मैं विभाग के उस मामले से सहमत नहीं हूं जिसमें कहा गया है कि एपीएमएल (अडानी पावर महाराष्ट्र लिमिटेड) और एपीआरएल (अडानी पावर राजस्थान लिमिटेड) ने अपनी संबंधित इकाई यानी ईआईएफ (इलेक्ट्रॉजन इन्फ्रा होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड) को कथित विवादित सामान आयातित मूल्य से अधिक अधिक मूल्य पर दिया है.”
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दरअसल अडानी पर फर्जी कमपनी बनाकर टैक्स चोरी का आरोप है. आरोपनुसार, बिजली और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आयात किए गए सामानों का कुल मूल्य बढ़ाकर 3974.12 करोड़ रुपये घोषित कर उस पर शून्य या 5% से कम टैक्स दिया गया.
इस बात का खुलासा भारतीय कस्टम विभाग के डॉयरेक्टरेट ऑफ रेवन्यू इंटलीजेंस (डीआरआई) की रिपोर्ट में हुआ है. डीआरआई की 97 पन्नों की ये कथित रिपोर्ट स्क्राइब डॉट कॉम पर उपलब्ध हैं. इस ममले में डीआरआई अडानी ग्रुप को 2014 में कारण बताओ नोटिस जारी कर चूका है.
हाल ही में द गॉर्डियन ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर फर्जी बिल बनाकर करीब 1500 करोड़ रुपये टैक्स हैवेन (टैक्स चोरों के स्वर्ग) देश में भेजने का आरोप लगाया है.
हाल ही में द गॉर्डियन ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर फर्जी बिल बनाकर करीब 1500 करोड़ रुपये टैक्स हैवेन (टैक्स चोरों के स्वर्ग) देश में भेजने का आरोप लगाया है.
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