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आगरा – ताजमहल को लेकर हिन्दुत्ववादी संगठन राजनीति चमकाने में व्यस्त है वहीँ आम जनता इन मुद्दों से ऊब गयी है, अब हलात यह हो गयी है की ना तो मीडिया ऐसे मुद्दों को कवर कर रही है और ना ही जनता गंभीरता से ले रही है. पिछले हफ्ते से ताजमहल के मुद्दे को काफ़ी हवा दी गयी लेकिन उसके बाद भी मीडिया में गुजरात चुनाव ही छाया रहा.
आज ताजमहल को लेकर जो खबर आई है वो यह की मुख्यमंत्री के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों ने ताज महल को शिव मंदिर बताकर इस मुद्दे को और भड़काने की कोशिश की. यहाँ तक को संगठन के लोग ताज महल के अन्दर जाकर शिव चालीसा पढने लगे.
आज ताजमहल को लेकर जो खबर आई है वो यह की मुख्यमंत्री के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों ने ताज महल को शिव मंदिर बताकर इस मुद्दे को और भड़काने की कोशिश की. यहाँ तक को संगठन के लोग ताज महल के अन्दर जाकर शिव चालीसा पढने लगे.
तेज़ आवाज़ में शिव चालीसा पढने के कारण केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें वही रोक दिया और सबको वहां से उठाकर कण्ट्रोल रूम ले गये जहाँ पुलिस को बुलाया गया और उपस्थित संगठन के सभी सदस्यों से लिखित माफ़ीनामा लिखवाकर छोड़ा गया.
बता दें कि सोमवार दोपहर राष्ट्र स्वाभिमान दल के संस्थापक दीपक शर्मा, हिंदू युवा वाहिनी के अलीगढ़ महानगर प्रभारी भारत गोस्वामी ने नवनीत, शशांक सहित आठ युवाओं के साथ ताजमहल में प्रवेश किया और रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म पर जाकर शिव चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया। तेज आवाज में शिव चालीसा का पाठ सुनकर एएसआई कर्मचारियों ने सीआईएसएफ जवानों को बुलाया। सीआईएसएफ जवानों ने दल और वाहिनी के कार्यकर्ताओं को रोका और उन्हें कंट्रोल रूम लेकर आए। जहाँ मामला बिगड़ता देख संगठन के सदस्यों ने पुलिस के समक्ष लिखित माफीनामा दिया तब जाकर पुलिस और सीआईएसएफ जवानों ने सदस्यों को छोड़ा.
बता दें कि सोमवार दोपहर राष्ट्र स्वाभिमान दल के संस्थापक दीपक शर्मा, हिंदू युवा वाहिनी के अलीगढ़ महानगर प्रभारी भारत गोस्वामी ने नवनीत, शशांक सहित आठ युवाओं के साथ ताजमहल में प्रवेश किया और रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म पर जाकर शिव चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया। तेज आवाज में शिव चालीसा का पाठ सुनकर एएसआई कर्मचारियों ने सीआईएसएफ जवानों को बुलाया। सीआईएसएफ जवानों ने दल और वाहिनी के कार्यकर्ताओं को रोका और उन्हें कंट्रोल रूम लेकर आए। जहाँ मामला बिगड़ता देख संगठन के सदस्यों ने पुलिस के समक्ष लिखित माफीनामा दिया तब जाकर पुलिस और सीआईएसएफ जवानों ने सदस्यों को छोड़ा.
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