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गोरखपुर। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसानित की मिसाल बने डॉ. कफील अहमद खान पर लगे सभी आरोप गलत साबित हुए हैं। बता दें कि गोरखपुर पुलिस ने उन पर भ्रष्टाचार से लेकर प्राइवेट अस्पताल चलाने तक के लगाए गए सभी आरोप जांच में गलत साबित हुए हैं। गोरखपुर के ऑक्सीजन कांड के बाद सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक एक धड़ा उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा था लेकिन जांच के बाद इस कोशिशों पर पानी फिर गया है।
बीआरडी मेडिकल में जब मासूमों की जान खतरें में आई तो डॉ कफील ही वो शख्स थे जिन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर के इंतजाम कर कई बच्चों की जान बचाई थी। आखिर में उन्हें ही 9 बच्चों की मौत का आरोपी बना दिया गया था।
अब जब मामलें की जांच हुई तो जाँच कर रहे अभिषेक सिंह ने कहा कि, ऐसा कोई सुबूत मिलता नहीं जिससे उनपर लगाये गए इल्जाम को सही ठहरा जा सके इसलिए उनके खिलाफ कोई मामला बनता ही नहीं है। गौरतलब है की इस साल अगस्त महीने में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में करीब 48 बच्चों की मौत हो गई थी। जिसे लेकर योगी सरकार की जमकर आलोचना हुई थी।
बीआरडी मेडिकल में जब मासूमों की जान खतरें में आई तो डॉ कफील ही वो शख्स थे जिन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर के इंतजाम कर कई बच्चों की जान बचाई थी। आखिर में उन्हें ही 9 बच्चों की मौत का आरोपी बना दिया गया था।
अब जब मामलें की जांच हुई तो जाँच कर रहे अभिषेक सिंह ने कहा कि, ऐसा कोई सुबूत मिलता नहीं जिससे उनपर लगाये गए इल्जाम को सही ठहरा जा सके इसलिए उनके खिलाफ कोई मामला बनता ही नहीं है। गौरतलब है की इस साल अगस्त महीने में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में करीब 48 बच्चों की मौत हो गई थी। जिसे लेकर योगी सरकार की जमकर आलोचना हुई थी।
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