बजरंगदल से जुडा था मुस्लिम प्रेमिका का अंकित सक्सेना ?

CITY TIMES
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मुस्लिम बहन बेटियों सावधान क्योंकि जमाना खराब है?
अंकित सक्सेना को लेकर कुछ और भी तथ्य सामने आ रहे हैं। ऐसे चित्र सामने आ रहे हैं कि उसका छद्म प्रेम भगवा साजिश के कारण था जिसमें मुसलमानों की 2100 बेटियों से विवाह का एक लक्ष्य रखा गया है।

यद्धपि उसकी हत्या निंदनीय फिर भी है परन्तु यदि यह तथ्य सच हैं तो इनकी साजिशें कितनी गहरी हैं यह मुसलमानों की बहन बेटियों को समझ लेना चाहिए। अंकित सक्सेना की कुछ तस्वीरें उसके साजिशन प्रेम के बारे में गवाही दे रहीं हैं। कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं कि वह हिन्दुत्ववादी संगठन बजरंग दल का सदस्य था।

पहले टोपी लगाकर फोटो खिंचाओ , मस्जिद मजारों में जाकर मुसलमानों से प्रेम दिखाओ , फिर मुस्लिम नाम की फर्जी आईडी और सोशलमीडिया या और किसी के माध्यम से किसी मुस्लिम लड़की को केवल भगवा एजेन्डे के तहत फँसा कर अपनी नफरती साजिश को अंजाम दो। अंकित के प्रेम का आधार यदि भगवा नफरत ही थी तो यह बेहद निंदनीय साजिशें हैं और मुस्लिम बहन बेटियों को इससे सावधान रहने की आवश्यकता है।

एक दूसरा तथ्य यह भी सामने आ रहा है कि अंकित सक्सेना की जिस क्षेत्र में हत्या की गयी उस पूरे क्षेत्र में कोई मुस्लिम परिवार रहता ही नहीं , ना ही उस क्षेत्र के आस पास दूर दूर तक कोई मुस्लिम आबादी है। हर घटना में मुस्लिम ऐंगल घुसा कर मामले का ज़िम्मेदार मुसलमानों को बनाने की यह साजिश क्या उसी तरह तो नहीं जैसा डाक्टर नारंग की हत्या के समय की गयी थी ?




फिर भी अंकित हो या कोई और किसी की हत्या किसी भी कारण से हो यह निंदनीय है। आज के भारत में हत्या करने का अधिकार केवल भगवा गिरोह , योगी और मोदी जी को है , उत्तर प्रदेश इनकाउंटर प्रदेश बन गया है और पिछले एक वर्ष में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा लगभग 1400 इनकाउंटर किए जा चुके हैं।

देश किस तरह की साजिशों में घिरा है , एक समुदाय के प्रति दूसरे समुदाय के हृदय में घृणा भरने का कार्यक्रम जिस तरह से चल रहा है वह देश की अखंडता के लिए खतरा ही है। फिर भी , इन चित्रों को देख कर मुस्लिम बहन बेटियों को सावधान हो जाने की आवश्यकता है , प्रेम यदि साजिश के कारण हो तो यह प्रेम नहीं धोखा है।

अंकित सक्सेना क्या था , शायद यह धीरे धीरे स्पष्ट होने लगा है , फिर भी किसी अंकित की हत्या की जगह घर की बहन बेटियों को मुसलमान सावधान करें यही खुद और समाज के लिए बेहतर होगा।

एक न्यूज़ पोर्टल पर सोशल एक्टिविस्ट मोहम्मद जाहिद के निजी विचार, सोशल डायरी (इस ब्लॉग)  का कोई सरोकार नहीं

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