सिटी टाइम्स ब्यूरो, नई दिल्ली - एक तरफ सोशल मीडिया पर एक गुट मुसलमानों केखिलाफ जहर उगलते थकता नहीं तोदूसरी तरफ ऐसे भी कई वडवान है जो अपनी कलम को सच्चाई और वास्तविकता की तरफ बढ़ने से नहीं रोक सकते. निडरता से लिखते है. उन्ही में से एक है विक्रम सिंह चव्हान जो एक स्वतंत्र पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता है वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लखते है
सोचे थे मुसलमान पत्थर उछालेंगे, सड़क पर निकलेंगे,विरोध होगा ,हिंसा होगा।लेकिन देश के मुसलमानों ने दिखा दिया बड़ा दिल उसी के पास है।चैनलों को एक फुटेज नहीं मिला,तैयार थे देश को भड़काने के लिए।एकता,अखंडता और भाईचारा वैसे भी 5 साल से देश में सिर्फ मुसलमान ही निभा रहे हैं।
मॉब लिंचिंग में मारा जाए मुसलमान।टोपी उतारने बोला जाए मुसलमान को।गुड़गांव में नमाज़ न करने दे मुसलमान को।बुरखा उतारने बोले पर घूघंट पर सवाल मंजूर नहीं।तीन तलाक पर कानून पर हिन्दू औरतों का ख्याल नहीं।अब मस्ज़िद की जमीन भी छीन लो मुसलमान की।इसके बावजूद भी अगर मुस्लिम चुप है तो यह उसकी कायरता नहीं महानता है।भारतीय मुसलमान से सच्चा कोई कौम नहीं।
छत्तीसगढ़ी के धरसींवा के कुंरा गांव की तस्वीर है।मंदिर, मस्ज़िद एकदम सटकर बने हैं।100 साल से अधिक हो गया है।प्रधान बरकतुल्लाह ने इसे बनवाया था।गांव में एक तरफ मस्ज़िद में नमाज़ होता है तो दूसरी तरफ पूजा पाठ।गांव के ही समाजसेवी बाबू खान ने गांव से कुछ दूर एक और भव्य मंदिर बनवाया है।
मॉब लिंचिंग में मारा जाए मुसलमान।टोपी उतारने बोला जाए मुसलमान को।गुड़गांव में नमाज़ न करने दे मुसलमान को।बुरखा उतारने बोले पर घूघंट पर सवाल मंजूर नहीं।तीन तलाक पर कानून पर हिन्दू औरतों का ख्याल नहीं।अब मस्ज़िद की जमीन भी छीन लो मुसलमान की।इसके बावजूद भी अगर मुस्लिम चुप है तो यह उसकी कायरता नहीं महानता है।भारतीय मुसलमान से सच्चा कोई कौम नहीं।
छत्तीसगढ़ी के धरसींवा के कुंरा गांव की तस्वीर है।मंदिर, मस्ज़िद एकदम सटकर बने हैं।100 साल से अधिक हो गया है।प्रधान बरकतुल्लाह ने इसे बनवाया था।गांव में एक तरफ मस्ज़िद में नमाज़ होता है तो दूसरी तरफ पूजा पाठ।गांव के ही समाजसेवी बाबू खान ने गांव से कुछ दूर एक और भव्य मंदिर बनवाया है।