2024 अभी दूर है ।। "मोदी नही तो फिर कौन?"
-Kanupriya
2024 अभी दूर है , 3 साल बाक़ी हैं, जो भी पार्टियाँ 2024 में राष्ट्रीय विकल्प बन सकती हैं, जिनके पास जनता के लिये दिशा है , प्लान है , विचार है उनके पास पर्याप्त समय है कि "मोदी नही तो कौन" का विकल्प बनाएँ और अपनी बात जनता तक पहुँचाएँ. नहीं तो ऐन मौके पर बाद में ये न कहें कि कॉंग्रेस तो ख़ुद बीजेपी जैसी ही है , नीतियों में फ़र्क़ क्या है हिंदूवाद की तीव्रता को छोड़कर.
मैं कॉंग्रेस की कभी वोटर नही रही मगर जो जनता के सामने राष्ट्रीय राजनीतिक विकल्पहीनता की स्थिति में बीजेपी से अधिक कॉंग्रेस का विरोध करते हैं , मुझे परोक्ष रूप से वो बीजेपी के ही पक्षधर नज़र आते हैं, कान को चाहे घुमा कर पकड़ा मगर पकड़ा तो कान ही.