25 की उम्र के मीर जाफर ने किए घिनौने कारनामे
2 जुलाई 1757 को सिर्फ 25 साल की उम्र में दुनिया से रुख़सत हुए, गद्दार मीर जाफर ने नवाब सिराजुद्दौला का क़त्ल करवा दिया था। 23 जून को प्लासी की जंग में नवाब के सेनापति मीर जाफर ने धोखा देकर नवाब सिराजुदौला की शिकस्त करवा दी। हार के बाद नवाब ने मुर्शिदाबाद में अपने वफादारों के यहां पनाह ली।
अंग्रेजों को जीत की मुबारकबाद देकर मीर जाफ़र सिराजुद्दौला को खोजने के लिए अपने मुखबिर लगा दिए आखिकार एक फ़कीर मुखबिर की मदद से सिराजुदौला को क़ैद कर मीर जाफर के सामने पेश किया गया। दरबार मे उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई।
मौत से पहले नवाब सिराजुदौला ने नमाज़ पढ़ने की इजाज़त मांगी और वज़ू के लिए पानी मांगा मीर जाफर के बेटे ने उन्हें नमाज़ भी नही पढ़ने दी वज़ु से पहले ही सिराजुदौला की गर्दन पर वार कर दिया उसके बाद उसके सैनिक भी टूट पड़े और सिराजुदौला को शहीद कर दिया।