निर्वाचन अयोग ने मा. सुप्रीम कोर्ट का उल्लंघन किया, और बीजेपी ने EVM में सेटिंग - डॉ. अकमल

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नई दिल्ली : बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रिय महासचिव ने बीजेपी के साथ-साथ निर्वाचन योग पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशो का उलंघन करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने ईवीएम में गडबडी कर जीत हासिल करने का संदेह जताया है. उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा की, उत्तर प्रदेश विधान सभा का आम चुनाव EVM में घोटाला करके BJP ने भारी बहुमत से जीत हासिल किया है। इस घोटाले में चुनाव आयोग भी शामिल है क्योंकि 08 अक्टूबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला हुवा था। जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया था कि EVm के द्वारा निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता।


इसलिये Evm के साथ पेपर ट्रेल मशीन लगाया जाय।वोट के बाद पेपर और evm दोनों की गिनती बराबर होगी तब माना जायेगा की चुनाव निष्पक्ष हुवा।लेकिन इस चुनाव में चुनाव आयोग ने पेपर ट्रेल नहीं लगाया इससे यह साबित हुवा की चुनाव आयोग बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया इसलिए यह चुनाव निष्पक्ष नहीं हुवा।चुनाव आयोग और बीजेपी ने मिलकर घोटाला किया।इसलिए बीजेपी की यह सरकार evm की सरकार है। इसलिए इस चुनाव को निरस्त करके बैलेट पेपर से चुनाव पुनः कराया जाये नहीं तो इसके खिलाफ जन आंदोलन होगा ।जनता के साथ और लोक तंत्र के साथ चुनाव आयोग और बीजेपी बलात्कार कर रही है।मूलनिवासी समाज इसको बर्दास्त नहीं करेगा । बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर का कहना है जब सभी रास्ते बंद होजाए तो जन आंदोलन ही एक आखिरी रास्ता है। जनआंदोलन ही इस ब्रह्म घोटाले को रोक सकता है।



आपको बता दे की, इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी हो सकती है इसके प्रमाण सुप्रीम कोर्ट ने भी दिए है दी. ८ अक्तूबर २०१३ को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद न. २९ में स्पष्ट निर्णय है के, ई.व्ही.एम. मशीन में पेपर ट्रेल के बगैर मुक्त और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया नहीं हो सकती. ( without paper trail – free and fair transparent election ) इसका मतलब यही है के मशीन में गाबदी की जा सकती है. इसके बावजूद इलेक्शन कमीशन ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हूवे २०१४ की लोकसभा और विधानसभा के चुनाव किये. इसीलिए यह चुनाव प्रक्रिया freefreeफ्री ऐंड फेअर नहीं हूवी. पेपर ट्रेल नहीं होने के कारण मतदार ने किस उमेदवार वोट दिया यह पता नहीं चलता. इसकी कोई पावती नहीं मिलती. हमारे ९५% मतदाता इस बात को जानते हुवे भी अनजान है इसी लिए मतदार जागृति के तहत हम आपके सामने कुछ नमूने पेश करना चाहते है. हमको उम्मीद है के आप इस विषय पर गौर करेंगे और देश की लोकशाही और अखण्डता कायम रखने के लिए मदत करेंगे.

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