नई दिल्ली | पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावो एक नतीजो के बाद पुरे देश में ईवीएम् मशीन को लेकर एक बहस छिड चुकी है. लगभग सभी विपक्षी दलों ने ईवीएम् मशीन पर सवाल खड़े किये है. विपक्षी दलों का मानना है की ईवीएम् मशीनो मे गड़बड़ संभव है और इसी का फायदा बीजेपी उठा रही है. इस मुद्दे को सबसे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहले उठाया. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इसको आगे बढाया.
करीब एक महीने बाद दिल्ली में नगर निगम चुनाव होने वाले है. ईवीएम् मशीनो में गड़बड़ की आशंकाओ को देखते हुए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से आग्रह किया था की वो नगर निगम चुनावो को ईवीएम् मशीन की जगह बैलेट पेपर से कराये जाए. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने भी यही मांग दोहरायी. राजनितिक दलों की मांग पर केजरीवाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नगर निगम चुनावो को बैलेट पेपर से कराने का निर्देश दिया.
हालाँकि उसी दिन राज्य चुनाव आयोग ने MCD चुनावो की तारीखों की घोषणा करते हुए बताया की चुनाव ईवीएम् मशीन से ही कराये जायेंगे. चुनाव आयोग के फैसले के बाद केजरीवाल ने उप राज्यपाल अनिल बीजल को पत्र लिखकर आग्रह किया की वो बैलेट पेपर से चुनाव कराने का निर्देश दे. इसके लिए केजरीवाल ने बुधवार को उपराज्यपाल से मुलाकात भी की.
खबर है की उपराज्यपाल ने केजरीवाल के प्रपोजल को ठुकरा दिया है. LG ने प्रपोजल ठुकराते हुए दलील दी की इसके लिए नियमो में बदलाव् करना होगा जिसके लिए समय नही है. क्योकि चुनाव की तारीखे नजदीक है और बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए काफी संसाधनों की जरुरत पड़ती है इसलिए यह संभव नही है. LG के आदेश के बाद यह तय हो चूका है की MCD इलेक्शन अब ईवीएम् मशीनो से ही कराये जायेंगे.