यत्र पूज्यते नारी तत्र रमंते देवता, नौटंकी -पूनम

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यत्र पूज्यते नारी तत्र रमंते देवता, नौटंकी -पूनम
यदि बेटियों की #अस्मिता को यूँ ही #छिन्न_भिन्न किया जाता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब माँ बाप बेटियों की हत्या अपनी #कोख में ही कर देने को मजबूर होंगे ......ताकि , कल को जब यही बेटियाँ जवान हों तो हवस के भूखे भेड़िये उनके जिगर के टुकड़े को यूँ नोंच-नोंच न खा सकें.... क्योंकि जिस बेटी को पल पल सहेज कर संभाल कर...बड़े लाड़ों और नाज़ों के पाल पोस कर बड़ा किया अचानक किसी की नज़रों में चढ़ गई और मौके की ताक में घात लगाए बैठे दरिंदे अपने काम को अंजाम दे दें....



मेरा शहर #लखनऊ जो अपनी #नज़ाकत और #नसाफ़त के लिए मशहूर था...आज कच्ची उमर की बेटियों की लाशों के लिए सुर्खियों में है..... एक .महिला को .लखनऊ के एक स्कूल के प्रांगण में वहशी दरिंदों ने पहले सामूहिक बलात्कार किया और फिर लड़की के गुप्तांग में चाकू के अनगिनत वार से लहुलुहान कर दिया...घाव इतने गहरे थे कि लड़की की अंतड़ियाँ कट कर बाहर आ गई थीं...खून के फव्वारे दीवारों का रंग लाल कर दिए थे....पास ही लगा हैंडपंप भी खून से सना था....खून नाली से होता हुआ 80 मीटर तक बह गया था...आस पास के गड्ढों में खून सना कीचड़ था...बर्बरता की कहानी को किसी चश्मदीद की जरूरत नहीं थी...वहाँ पर मौजूद सभी निर्जीव चीजें चीख चीख कर एक जीव हत्या को बता रही हैं....

किसके हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं और किसके इशारे पर....क्या कानून अब दबंगों का दलाल है???? यूँ तो नारी को रौंदने की परम्परा सदियों से रही है किंतु जिस दरिंदगी के साथ आज के समय में फल फूल रही है....मुझे डर है कि आने वाले समय में लोग बेटियाँ पैदा ही नहीं करेंगे...

कहाँ गए मोमबत्ती गैंग वाले???? कहाँ गए बेटी बचाओ कहने वाले??? (घटना 2016 की है)
#पूनम_मिर्ची

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