भारत अनेकताओ में एकता समेटे हुए एक ऐसा देश है जहाँ कुछ सांप्रदायिक लोगो की गिद्ध द्रष्टि इस पर हमेशा लगी रहती है लेकिन बकौल अल्लामा इकबाल “कुछ बात है की हस्ती, मिटती नही हमारी”.
जहाँ एक तरफ कुछ लोग लगातार देश के दो बड़े धर्मों के बीच हमेशा नफरत फैलाने का काम कर रहे है वहीँ इंसानियत को जिंदा रखने वाली कुछ ऐसी मिसालें देखने को मिल जाती है जिन्हें देखकर लगता है की सबसे बड़ा मज़हब इंसानियत का मज़हब है और और जो इस मज़हब को मानता है वहीँ सबसे बड़ा धार्मिक है.
जहाँ एक तरफ कुछ लोग लगातार देश के दो बड़े धर्मों के बीच हमेशा नफरत फैलाने का काम कर रहे है वहीँ इंसानियत को जिंदा रखने वाली कुछ ऐसी मिसालें देखने को मिल जाती है जिन्हें देखकर लगता है की सबसे बड़ा मज़हब इंसानियत का मज़हब है और और जो इस मज़हब को मानता है वहीँ सबसे बड़ा धार्मिक है.
ये तस्वीरें उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले के धनेरा कस्बे की हैं। मंदिर बाढ़ में डूब गया तो स्थानीय मुसलमानों ने मंदिर की साफ सफाई का जिम्मा उठा लिया।
गौरतलब है बनासकांठा में आजकल बाढ़ का प्रकोप जारी है जिसके बाद जलभराव की स्थिति के कारण मंदिर बाढ़ में डूब गया तथा पानी से बहकर साथ आई कीचड़ भी मंदिर अहाते में भर गयी, जिसके बाद स्थनीय मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मिलकर श्रमदान किया और मंदिर से गन्दगी निकालकर उसे पहले जैसा साफ़ सुथरा मंदिर बना दिया. यह देखकर स्थनीय दुसरे धर्मों के लोग गदगद हो उठे. सोशल मीडिया पर भी इस कार्य की काफी सरहाना की जा रही है. (साभार)
गौरतलब है बनासकांठा में आजकल बाढ़ का प्रकोप जारी है जिसके बाद जलभराव की स्थिति के कारण मंदिर बाढ़ में डूब गया तथा पानी से बहकर साथ आई कीचड़ भी मंदिर अहाते में भर गयी, जिसके बाद स्थनीय मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मिलकर श्रमदान किया और मंदिर से गन्दगी निकालकर उसे पहले जैसा साफ़ सुथरा मंदिर बना दिया. यह देखकर स्थनीय दुसरे धर्मों के लोग गदगद हो उठे. सोशल मीडिया पर भी इस कार्य की काफी सरहाना की जा रही है. (साभार)
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