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अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार इस सदी के अंत तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी मुसलमानों की हो जाएगी। अभी दुनिया में सर्वाधिक आबादी ईसाइयों की है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार साल 2010 तक दुनिया में मुसलमानों की आबादी करीब 1.6 अरब थी जो दुनिया की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हुआ।
भले ही इस्लाम अभी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म हो लेकिन वो सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार अगर इस्लाम इसी रफ्तार से बढ़ता रहा हो तो इक्कीसवीं सदी के अंत तक वो अनुयायियों की संख्या के मामले में ईसाई धर्म को पीछे छोड़ देगा। इस समय इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है।
भले ही इस्लाम अभी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म हो लेकिन वो सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार अगर इस्लाम इसी रफ्तार से बढ़ता रहा हो तो इक्कीसवीं सदी के अंत तक वो अनुयायियों की संख्या के मामले में ईसाई धर्म को पीछे छोड़ देगा। इस समय इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है।
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार साल 2050 तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी (करीब 30 करोड़) वाला देश बन जाएगा। अभी भारत इस मामले में इंडोनेशिया के बाद दूसरे नंबर पर है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुमान के अनुसार साल 2050 तक यूरोप की मुस्लिम आबादी में करीब 10 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है।
वहीं अमेरिका में 2050 तक मुस्लिम आबादी कुल जनसंख्या का 2.1 प्रतिशत हो सकती है। अभी अमेरिका में मुस्लिम आबादी करीब एक प्रतिशत है। मुस्लिम देशों से दूसरे देशों में जाने वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से भी अन्य देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ेगी।
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार मुसलमानों की आबादी बढ़ने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर बाकी धर्मों से ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है।
मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा बढ़ने का दूसरा कारण है उनकी युवा आबादी। साल 2010 में मुसलमानों की औसत आयु 23 साल थी। जबकि उसी साल गैर-मुसलमानों की औसत आबादी 30 साल थी। युवा आबादी होने का मतलब है मुसलमानों की बड़ी आबादी या तो बच्चे पैदा कर रहे है या भविष्य में करेगी। सबसे ज्यादा प्रजनन दर और सबसे ज्यादा युवा आबादी के कारण मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ सकती है।
वहीं अमेरिका में 2050 तक मुस्लिम आबादी कुल जनसंख्या का 2.1 प्रतिशत हो सकती है। अभी अमेरिका में मुस्लिम आबादी करीब एक प्रतिशत है। मुस्लिम देशों से दूसरे देशों में जाने वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से भी अन्य देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ेगी।
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार मुसलमानों की आबादी बढ़ने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर बाकी धर्मों से ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है।
मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा बढ़ने का दूसरा कारण है उनकी युवा आबादी। साल 2010 में मुसलमानों की औसत आयु 23 साल थी। जबकि उसी साल गैर-मुसलमानों की औसत आबादी 30 साल थी। युवा आबादी होने का मतलब है मुसलमानों की बड़ी आबादी या तो बच्चे पैदा कर रहे है या भविष्य में करेगी। सबसे ज्यादा प्रजनन दर और सबसे ज्यादा युवा आबादी के कारण मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ सकती है।
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ReplyDeleteapexnale
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