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छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बीजेपी नेता हरीश वर्मा की शगुन गोशाला में दो दिन में 30 गायों की मौत हो गई। गायों की मौत का कारण कुपोषण व भुखमरी बताया गया। लेकिन जब इन गायों की संदिग्ध मौत के बारे में ग्रामीणों से पूछा गया तो उन्होंने हरीश पर मृत गायों की खाल और हड्डी की तस्करी का आरोप लगाया।
ग्रामीणों का कहना है कि उनको इस बात की जानकारी तब लगी जब संचालक मृत गायों को दफना रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि गायों को दफनाने से पहले उनकी खाल उतार ली जाती थी। यह खाल मछलियों के चारे में इस्तेमाल होती है, जिसे वर्मा बेचा करता था।
वहीं छत्तीसगढ़ छात्र संगठन ने वर्मा पर गाय की हड्डियों की तस्करी का आरोप लगाया। छात्र संगठन का कहना है कि वर्मा गाय की हड्डियों को टेलकम कंपनी (पाउडर) को बेचा करता था। उसे इन हड्डियों के अच्छे पैसे मिलते थे।
गोसेवा आयोग अध्यक्ष बिसेसर पटेल ने बताया कि शगुन गोशाला को गायों के पोषण व रखरखाव के लिए वर्ष 2010 से लेकर अब तक 93 लाख 63 हजार रुपए अनुदान दिया गया है। गोशाला संचालक ने उक्त राशि का दुरपयोग किया।
फिलहाल पुलिस ने वर्मा को संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है और उससे गायों की खाल और हड्डी की तस्करी के मामले में पूछताछ की जा रही है
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