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गोरखपुर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर से एक बेहद चौकाने वाली खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपीएटीएस को गोरखपुर के एडीएम के तार पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI से जुड़े होने सबूत मिले है. इसलिए एडीएम को एटीएस ने पूछताछ के लिए तलब किया है. उधर खबर यह है की गोरखपुर एडीएम का तबादला राजस्व परिषद में कर दिया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार 4 अगस्त को यूपीएटीएस ने खुलासा किया था की झाँसी जिला अधिकारी कार्यालय से सेना की गोपनीय सूचनाये पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI को भेजी जा रही है. इसके लिए झाँसी के एसडीएम कार्यालय का कंप्यूटर इस्तेमाल किया जा रहा है. जांच करने पर पता चला की यह कंप्यूटर एसडीएम प्रभुनाथ के स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार का है. राघवेन्द्र ने एटीएस की पूछताछ में बताया की वह जिला प्रशासन के एक अधिकारी के कहने पर सूचनाये बताता था.
मिली जानकारी के अनुसार 4 अगस्त को यूपीएटीएस ने खुलासा किया था की झाँसी जिला अधिकारी कार्यालय से सेना की गोपनीय सूचनाये पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI को भेजी जा रही है. इसके लिए झाँसी के एसडीएम कार्यालय का कंप्यूटर इस्तेमाल किया जा रहा है. जांच करने पर पता चला की यह कंप्यूटर एसडीएम प्रभुनाथ के स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार का है. राघवेन्द्र ने एटीएस की पूछताछ में बताया की वह जिला प्रशासन के एक अधिकारी के कहने पर सूचनाये बताता था.
एटीएस की राघवेन्द्र से चली 13 घंटे की पूछताछ में झाँसी के तत्कालीन एसडीएम प्रभुनाथ का सामने आया. इसके अलावा राघवेन्द्र से एक मोबाइल नम्बर के सिलसिले में भी पूछताछ की गयी. राघवेन्द्र ने बताया की यह नम्बर सेना के एक अधिकारी का है. एटीएस के अनुसार राघवेन्द्र कई साल से सेना की ख़ुफ़िया सूचनाये इसी नम्बर पर किसी व्यक्ति को देता था. 4 अगस्त को भी कुछ सूचनाये ISI को भेजी गयी.
फ़िलहाल झाँसी के तत्कालीन एसडीएम् प्रभुनाथ का नाम सामने आने के बाद एटीएस ने उन्हें गुरुवार को नोटिस जारी किया. फ़िलहाल वो गोरखपुर के एडीएम के पद पर कार्यरत है. लेकिन हाल ही में उनका तबादला राजस्व परिषद में कर दिया गया. उधर एटीएस अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है की इस मामले में कितने लोग और जुड़े हुए है. इसके अलावा कई इन्टरनेट कॉल को भी ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है.(कोहराम से)
फ़िलहाल झाँसी के तत्कालीन एसडीएम् प्रभुनाथ का नाम सामने आने के बाद एटीएस ने उन्हें गुरुवार को नोटिस जारी किया. फ़िलहाल वो गोरखपुर के एडीएम के पद पर कार्यरत है. लेकिन हाल ही में उनका तबादला राजस्व परिषद में कर दिया गया. उधर एटीएस अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है की इस मामले में कितने लोग और जुड़े हुए है. इसके अलावा कई इन्टरनेट कॉल को भी ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है.(कोहराम से)
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