बहुत आसान है बंद कमरे ममे वन्दे मातरम् कहना, चलो कुछ वतन के लिए करते है

CITY TIMES
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पटना – बिहार में बाढ़ का प्रकोप लगातार जारी है, बाढ़ नें जनजीवन बिल्कुल तहस नहीं कर दिया है। अब तक बाढ़ में मरने वालों की संख्या 250 के पार पहुंच गई है। ऐसे जमीयत उलमा ऐ हिन्द बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिये आगे आई है। जमीयत उलमा ऐ हिन्द बिहार बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री किट बांट रही है, इस किट में खाने के सामान के साथ कपड़े भी दिये जा रहे हैं। जमीयत उलमा ऐ हिन्द के पदाधिकारी मौलाना हकीमुद्दीन कासमी कहते हैं कि वे पिछले तीन दिनों से बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में लगे हैं।

हकीमुद्दीन कासमी दिल्ली से चलकर बिहार पहुंचे हैं और बाढ़ पीड़ितों के लिये राहत सामग्री बांट रहे हैं, मौलाना हकीमुद्दीन का कहना है कि उन्होंने अररिया, कटिहार, किशनगंज के जिलों के साथ साथ कई जिलों का दौरा किया है। वे बताते हैं कि हालात बहुत ज्यादा खराब हैं, सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं, जिसकी वजह से यातायात भी ठप्प हो गया है। सरकार के रवैय्ये पर पूछे जाने पर मौलाना हकीमुद्दीन बताते हैं कि सरकार पिछले एक दिन से हरकत में आई है उससे पहले बाढ़ पीड़ितों पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा था।






बिहार बाढ़ पीड़ितों के साथ रहकर राहत सामग्री पहुंचाने वाले मौलाना हकीमुद्दीन बताते हैं कि सोशल मीडिया पर लाशों की जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं वैसी कोई तस्वीर फिलहाल उन्हें जमीन पर देखने को मिली है। मौलाना शक जाहिर करते हुऐ कहते हैं कि हो सकता है कि अफरा तफरी से बचने के लिये ऐसी लाशों को ‘ठिकाने’ लगा दिया गया हो। उनका कहना है कि बाढ़ में लापता हुऐ लोग अगर हाल फिलहाल में नहीं मिल पाते हैं तो फिर उनकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया जायेगा।

बदतर हैं हालात

मौलाना हकीमुद्दी बताते हैं कि अभी हालात बहुत ज्यादा खराब हैं, उनका कहना है कि कश्तियों के द्वारा आबादी तक पहुंचा जा सकता है लेकिन वहां पर कीचड़ बेइंतहा जिसकी वजह से राहत सामग्री पहुंचाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मौलाना का कहना है कि बिहार में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिये जमीयत उलमा ऐ हिन्द पूरी कोशिशों के साथ लगी हुई है, जमीयत की राज्य यूनिट, जिला स्तरीय यूनिट बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगी हुई है।

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