शाहीन बाग़ और जामिया प्रोटेस्ट में जमी जमाई भीड़ देख कर भाषण देने को तो कई लोग दौड़ दौड़ कर गए थे-- अब देखते हैं कि इस पुलिसिया जुल्म के खिलाफ कितने लोग आवाज़ उठाते हैं -- जानता हूँ अब तो कई लोग मज़म्मत करने में भी डरेंगे -- पतली गली पकड़ेंगे
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने जामिया यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट और जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी की मीडिया प्रभारी सफूरा जरगर को अरेस्ट कर लिया है। फरवरी के आखिरी हफ्ते में भड़के दंगों की जांच कर रही जाफराबाद थाना पुलिस ने शनिवार को यह गिरफ्तारी की। आरोप है कि 22 फरवरी की रात सफूरा ने ही सीलमपुर थाना इलाके में धरने पर बैठी महिलाओं को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बिठाया और दंगे की साजिश रची।
सफूरा को पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, सीलमपुर थाना इलाके के मेन रोड पर सीएए के विरोध में महिलाओं का धरना चल रहा था। आरोप है कि सफूरा इन महिलाओं को भड़काकर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे पहुंच गईं। यहां सभी महिलाओं को सड़क पर बिठाकर दंगे की साजिश रची गई। इससे नॉर्थ-ईस्ट जिले में दंगा भड़का और 50 से ज्यादा लोगों की जान गई। सफूरा जामिया इलाके में सीएए विरोधी आंदोलनों का भी हिस्सा रही हैं।
दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी आलोक कुमार ने बताया, 'पुलिस ने जामिया कोआर्डिनेशन कमिटी की मीडियो कोआर्डिनेटर सफूरा जरगर को गिरफ्तार किया है। जरगर पर दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट जिले के जाफराबाद में सीएए विरोधी प्रदर्शन आयोजित करने का आरोप है।जाहिर है कि अब caa nrc आंदोलन के लोगों को दिल्ली दंगे में फंसा कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में कोई आंदोलन खड़ा न हो।
इससे पहले मिरान हैदर, खालिद सैफी , आशु खान , इशरत जहां सहित कई आंदोलनकारियों को दिल्ली दंगों में फंसाया जा चुका है।
-पंकज चतुर्वेदी