"कैसी लग रही हूं?" हिना ने पूछा ।। How am I looking? Heena asked

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"कैसी लग रही हूं?" हिना ने पूछा ।। How am I looking? Heena asked

"कैसी लग रही हूं?" हिना ने पूछा ।। How am I looking? Heena asked

विहान ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा!
नीले लहंगे और गुलाबी चुन्नी ओढ़े दुल्हन बनी हिना बेहद खूबसूरत लग रही थी।स्वर्ग से उतरी अप्सरा!

विहान हमेशा से उसे दुल्हन बने देखना चाहता था और खुद को उसके साथ खड़ा दूल्हा!
पिछले 2 सालों से वे एक-दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे।
एक सिंगिंग एप्प में मिली थी हिना उसे।

विहान को गाने का शौक था और हिना को अच्छे गाने सुनने का।जब भी विहान अपने गाने पोस्ट करता, हिना बढ़-चढ़कर तारीफें करती।उनकी चैटिंग शुरू हुई।फोन नम्बर एक्सचेंज हुए और फिर शुरू हुई लम्बी-लम्बी प्यार भरी गुफ़्तगू!

रात के 11 बजे से कभी-कभी 2-3 बजे तक।
हिना को उसके पति ने तलाक दे दिया था।कारण, शादी के चार साल तक उसे कोई औलाद नसीब नहीं हुई थी।
उसकी उदास बेजां जिंदगी में विहान सतरंगी बहार बनकर आया।
विहान के प्यार भरे फोहे ने हिना के गहरे ज़ख्म भर दिए।
दोनों फोन के स्क्रीन पर एक-दूसरे की हथेलियां छूते..तसव्वुर में सुनहरे चमकते हुए भविष्य देखते!
कल्पनाओं की उड़ान बहुत ऊंची होती है।दोनों उड़ते रहे।
इस उड़ान में पावर ब्रेक तब लगा, जब हिना ने बताया की उसके अब्बू ने उसकी शादी तय कर दी है.. 3 बच्चों के विधुर से।

आज हिना का निकाह था।इस बीच सिवाय बाथरूम में नल खोलकर रोने के  हिना ने और कुछ नहीं किया था...करती भी क्या?उसे पता था दुनिया चाहे कितनी भी बदल जाये पर प्यार और धर्म के लिए कभी कुछ नहीं बदलेगा।
आखिरी बार अपने विहान को जी भर कर देखने के लिए हिना ने मोबाइल खोला!
विहान की आँखें आँसुओं से तर-ब-तर थी।उसका एक-एक वजूद बिखरा पड़ा था।हिना ने उसके आँसू पोंछने के लिए अपना हाथ मोबाइल के स्क्रीन पर रख दिया।विहान ने भी अपनी हथेली रख दी।
मीलों दूर की दूरियां सिकुड़ कर छोटी हो गयी!

"हिना!तैयार हो?"
दरवाज़े पर दस्तक हुई!
"जी आती हूँ"..हिना की थरथराई आवाज़!
दो प्रेमियों ने एक-दूसरे को नज़र भर देखा.. पलकें मूंदी और प्यार अंदर तहे जज्ब हो गया।
"चलती हूँ ...अपना ख्याल रखना!"

हिना ने कहा।
"हूँ..तुम भी!"
अँधेरा हो गया।
 दो दिल अपनी डूबती धड़कनों को संभालने  की जद्दोजहद में उलझे थे और महफ़िल "शादी मुबारक"के शोर से गुलजार हो रही थी।
इश्क़ कोने में सिसक रहा था।

मौसमी चन्द्रा की मौलिक रचना

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