चेतावनी ।। दरोगा की शैतानियत ।। Short Story ।।

CITY TIMES
0

 

लघुकथा- चेतावनी ।। दरोगा की शैतानियत ।। Short Story ।।


दरोगा अभय यादव की शैतानियत से बच्चा-बच्चा परिचित था । रिश्वत खाने की उसे ऐसी बीमारी थी कि आदमी कितना भी गरीब हो उससे उसे पैसा चाहिए ही चाहिए ।

रात को एक मामला थाने में आया । झगड़ा पारिवारिक था, फिर भी रफा-दफा करने के बजाय अभय यादव ने उसे उलझा दिया । पूरे दो घंटे थर्ड डिग्री दी और बीस हजार में अभय यादव ने अपने कंधों के सितारों का सौदा उस गरीब से कर दिया । 

उस गरीब ने पैसे जुटाने की भरपूर कोशिश की पर किसी ने उसे फूटी कौड़ी न दी । मजबूरन उसे अपनी दूध देती भैंस बूचड़ खाने वालों को बेचनी पड़ी । बीस हजार लेकर अभय यादव निकला मौज-मस्ती के लिए । मुफ्त के पैसों की बहुत गर्मी होती है । हवा खाने के लिए अभय यादव ने अपनी बुलैट वाइक की गति और तीव्र कर दी, तभी पता नहीं कहां से विदेशी नस्ल का काला सांड आकर बीच सड़क पर प्रकट हो गया । अभय यादव कुछ सोचते- समझते तब तक वे हवा में उड़ गये...।

 पूरी रात बेहोश रहे, सुबह होश आया तो हॉस्पिटल के बेड पर पड़े थे । दांत गायब, पैरों की हड्डियों का चूर्ण बन गया, बायां हाथ धनुष बन गया । बस न जाने कैसे पाप के तालाब में पुण्य का एक छोटा सा कमल  खिल गया कि जान बच गई । या यूं कहें कि ईश्वर की चेतावनी थी कि बेटा सुधर जा, ये वर्दी, ये पॉवर सदा न रहेंगे, कर्म सुधार ले ।

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
ग्राम रिहावली, डाक तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा 283111

Tags

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)